कोरिया के मनेन्द्रगढ़ तहसील में नायब तहसीलदार द्वारा जाती प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. शिकायतकर्ताओ का कहना है कि जाती प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर नायब तहसीलदार व उनके बाबुओ द्वारा 700 से 1000 रुपये की मांग की जा रही है. इस बात की शिकायत को ले कर के ग्रामीण युवाओ द्वारा मनेन्द्रगढ़ थाना व एस डी एम् कार्यालय में शिकायत दर्ज करायी गयी है.
कुंजाराम लोहारी गाँव का रहने वाला है. जिसे स्थानीय स्वस्थ्य केंद्र में नौकरी भी मिल गयी है. लेकिन उस नौकरी को पाने के लिए कुछ जरुरी दस्तावेज कार्यालय में जमा करना है. कुंजाराम ने समस्त दस्तावेज एकत्रित कर लिया है लेकिन जाती प्रमाण पत्र के लिए वह २० दिन से तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहा है. कुंजाराम से प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर नायब तहसीलदार द्वारा रुपये मांगे जा रहे हैं. इस बात का विरोध करते हुए कुंजाराम ने स्थानीय एस डी एम् एवं पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी है.
कुंजाराम अकेला ऐसा शख्स नहीं है इसकी बहादुरी को देखते हुए और भी कई युवको ने नायब तहसीलदार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का साहस जुटाया है. थाना परिसर में टहलते हुए ये युवक जाती प्रमाण पत्र की वजह से कॉलेज में अपना एड्मिसन नहीं करवा पाए. इनमे से कुछ लोग १५-२० दिन से भटक रहे हैं तो कुछ लोग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए साल भर तहसील के चक्कर काट रहे हैं. हम आपको बता दे कि ये सारे ग्रामीण दूरस्थ वनांचलो से सम्बंधित है तथा इन्हें मनेन्द्रगढ़ थाने जाने में काफी परेशानी होती है. राम कुर्रे और बल्लू सिंह जो की दर्री टोला के निवासी है, उन्हें साल भर से प्रमाण पत्र के लिए घुमाया जा रहा है. आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि अधिकारीयों कि पैसे भूख इतनी बढ़ गयी है कि वो किसी अपंग आदमी के ऊपर भी तरस नहीं खाते हैं. सागर सिंह जो कि ग्राम सेमरा का निवासी है उसने सहारा समय को बताया कि १००० रुपये देने के बाद कैसे खुद अपना प्रमाण पत्र अपने हाथो से जारी किया,
सागर ने जब देखा कि नायब तहसीलदार के खिलाफ सभी लोग एकजुट हो रहे हैं. तो उसे भी साहस आ गया वह भी थाने में शिकायत दर्ज करने पहुँच गया. इस सम्बन्ध में जब एस डी एम् से बात कि गयी तो उन्होंने बताया कि शिकायत हमे प्राप्त हो चुकी है और हमने कार्यवाही के आदेश दे दिए हैं. वाही इस बात से प्रभारी तहसील पूरी तरह अनभिज्ञ नज़र आये.
फाविओ- इन शिकायतों के बारे में जब हमने मनेन्द्रगढ़ पुलिस से जानकारी चाही तो विवेचना अधिकारी ने यह कह कर टाल दिया कि मामले कि विवेचना की जाएगी एवं तथ्य उजागर होने के बाद बताया जायेगा. वही इस सम्बन्ध में हमने नायब तहसीलदार का पक्ष भी जानना चाहा तो वो ऑफिस में मौजूद नहीं थे. जाती, निवास, व आय प्रमाण पत्रों को दलालों ने व्यवसाय बना रखा है. इसी वजह से आम आदमी से अधिकारी मुह खोल कर पैसा मांगते हैं. देखना यह होगा कि उक्त अधिकारी के खिलाफ प्रशासन शिकायत मिलने के बाद क्या कार्यवाही करता है.
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