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कोरिया समाचार

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संसदीय सचिव श्री राजवाड़े जी ने प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र भवन का किया लोकार्पण.

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झुमका बाँध में बाढ़ आपदा प्रबंधन का हुआ पूर्वाभास. सेना के तैरक और मछुआ समिति के सदस्यों ने बाढ़ राहत कार्य का किया संयुक्त पूर्वाभास. एस.इ.सी.एल. द्वारा गैस और अग्नि दुर्घटना की स्थिति में किये जाने वाले आपदा प्रबंधन का प्रदर्शन.

May 30, 2012

Mahilao ka Hungama

कहते हैं जब किसी अन्याय की इन्तेहा होती है तो आवाम का गुस्सा फूट पड़ता है ऐसी ही एक घटना कोरिया जिले के चिरीमिरी में घटी है जहाँ महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया फिर क्या देखते ही देखते इन्साफ के लिए साड़ी महिलाये रस्ते में उतर आई.

समूचा चिरमिरी एस इ सी एल कोल माइंस के अंतर्गत आता है और समूचे छत्तीसगढ़ के कोल उत्पादक का एक बड़ा हिस्सा कोरिया से कोल इंडिया को मिलता है. और जिसेमें से अकेले चिरीमिरी में कई खदाने संचालित है जिनमे शर्मिक अपना पसीना बहा बहा कर कोयला खोदते हैं लेकिन जिन श्रमिको द्वारा पसीना बहा कर कोयला खोदा जाता है उनकी महिलाओ द्वारा घर बैठे पसीना बहाया जा रहा है. कारण एस इ सी एल अधिकारियो के द्वारा  बिजली सप्लाई में कटौती, सप्ताह भर पहले डोमनहिल कालोनी का ट्रांसफार्मर ख़राब हो गया जिसमे सारे कालोनी वासीओ को बिजली के साए से महरूम रहना पड़ा था इसके बाद एन कें प्रकारें डोमनहिल  कालोनी में दूसरा ट्रांसफार्मर लगाया गया. लेकिन २ दिनों चलने के बाद वो भी चल बसा जिससे नाराज महिलाओ ने इस नौ तपा वाली गर्मी में प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया चूँकि एस इ सी एल श्रमिक मजदूर कंपनी के है इसलिए वे सामने नहीं आये और अपनी महिलाओ को इसके लिए आगे कर दिया. महिलाओ ने पहले एस इ सी एल के अधिकारियो को समझाया लेकिन जब उनके समझ में नहीं आया तो उन्होंने एस इ सी एल के इंजिनीअर इलेकट्रीसियन फीडर ओ लाइन मन को उन्ही के केलिय में बंधक बना लिया.

जब इस तमाशे का पता एस इ सी एल के वरिष्ठ अधिकारियो को चला तो वे भागे भागे आये और अपने इंजिनीअर को रिहा करने की महिलाओ से अपील की, लेकिन महिलाओ का पारा चढ़ा हुआ था और ऊपर से गर्मी और वे प्रतिदिन लाइट कटौती से अजीज आ चुकी थी,  और अधिकारियो को सबक सिखाना चाहती थी इसलिए वे तस से मास नहीं हुई. अंततः अधिकारियो ने पुलिस को खबर भेजी जिसमे पुलिस पहुंची. पुलिस ने भी स्थिति को भापते हुए पाहे अधिकारियो को समझाया फिर ठोस आश्वासन देते हुए महिलाओ का गुस्सा शांत कराया

हांलाकि इस भरी गर्मी में कड़ी धुप में जिस तरह महिलओ ने बिजली कटौती के लिए मोर्चा खोला इससे उन्हें दाद देनी चाहिए लेकिन किसी अधिकारी को बंधक बनाकर कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए था. साथ ही एस इ सी एल के आला अधिकारियो को भी यह सोचना चाहिए की जिस श्रमिको की वजह से वे उत्पादन में अव्वल रहते हैं उन श्रमिको के परिवार को किसी प्रकार की तकलीफ न हो. पर ऐसी सोच होती तो ये नौबत न आती.


(जी एन एन न्यूज़)