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July 24, 2011

Gaurav Patah Ka Ghotala

कोरिया के मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर २ बार काबिज हो चुकी प्रभा पटेल को ५ साल के लिए चुनाव से अयोग्य घोषित करने करने का आदेश जैसे ही आया, वैसे ही मनेन्द्रगढ़ सहित कोरिया जिले की राजनीति गर्म हो गयी.

कांग्रेस की सीट पर २ बार चुनाव जीत चुकी प्रभा पटेल की तैयारी अब तीसरी बार फिर से अध्यक्ष बनने की थी क्यों की सूत्रों के हवाले कयास लगाये जा रहे हैं की आगामी नगर पालिका चुनाव में पिछड़ा वर्ग महिला को नेतृत्व करने का मुका मिल सकता है. जो की मनेन्द्रगढ़ में पहली बार घोषित होगा. इसके पूर्व प्रभा पटेल सामान्य सीट और पिछड़ा पुरुष वर्ग में चुनाव जीत कर आई थी इस नज़र से कांग्रेस की सशक्त उम्मीदवार के रूप में अगर पिछड़ा वर्ग महिला सीट अरक्षित होती है तो प्रभा पटेल कांग्रेसियों की पहली पसंद रहेंगी और इन्हें टिकिट मिल सकती है. लेकिन नागरीय एवं प्रसाशन विभाग के २२/०७/२०११ आदेश के अनुसार प्रभा पटेल ५ साल के लिए किसी भी चुनाव के अयोग्य घोषित किया जाता है. बड़ा महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है.

प्रभा पटेल को गौरव पथ निर्माण मामले में भ्रष्टाचार में संलिप्त बताते हुए ५ साल के लिए किसी भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है . श्रीमती प्रभा पटेल २००४-०९ के बीच अध्यक्षा रहते हुए गौरव पथ का निर्माण कराया था जिसके निर्माण लागत लगभग ८० लाख रुपये थी. उक्त निर्माण कार्य में सड़क कि गुणवत्ता नाप जोख तथा भू अभिलेखों में छेड़छाड़ मानते हुए राज्य शासन ने प्रथम चरण में ये आदेश जारी किया है, वही इस आदेश कि गाज तत्कालीन CMO मनोज सिंह जो वर्तमान में दुर्ग में पदस्थ है उन पर भी गिरने कि पूरी सम्भावना है. वही तत्कालीन इंजिनियर शेखर साहू पर भी यह गाज निश्चित रूप से गिरेगी. इस मामले में जब प्रभा पटेल से बात की गयी तो उन्होंने उक्त आदेश को राजनीति से प्रेरित बताया एवं भ्रष्टचार के मामले में खुद को निर्दोष बताया.

वही दूसरी और शिकायतकर्ता श्री रमाशंकर केसरवानी ने बताया की राज्य शासन का यह आदेश भ्रष्टाचार प्रमाणित होने के बाद आया है, एवं उसके समस्त दस्तावेज प्रमाण समेत उनके पास मौजूद है. इसमें किसी भी प्रकार की राजनीति करना या कहना सरासर गलत है.

गौरव पथ में भ्रष्टाचार का यह मामला बड़ा ही दिलचस्प हो चला है. एक और जहा पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष लपेटे में आ गयी है वही CMO और इंजिनियर पर भी गाज गिरना निश्चित है. वही प्रभा पटेल के विरोधी खेमा इस बात से खुश है की उनके सामने का काँटा अपने आप हट गया. और अब जीत उनकी मुट्ठी में है. देखना यह होगा कि प्रभा पटेल उक्त आदेश को कोर्ट में किस प्रकार चैलेन्ज करती है और पाने विरोधियो का मुह किस प्रकार बंद करती है.



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