कोरिया के मनेन्द्रगढ़ में इन दिनों भालू का आतंक फैला हुआ है पिछले ४ दिनों में मनेन्द्रगढ़ और उससे सटे सीमावर्ती म.प्र. राज्य के झीमर को लेकर भालू ने लोगो पर हमला किया. जिसमे ३ लोगो की अब तक मौत हो चुकी है और शेष ५ लोग घायल है, जिनका उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेन्द्रगढ़ में चल रहा है.
हलाकि वनविभाग मनेन्द्रगढ़ की नींद अब तक नहीं उडी है, जिस आदमखोर भालू को पिंजरे में होना चाहिए वो अभी भी खुले आम घूम रहा है, दिनांक ३०/०५/२०११ सुबह ५ बजे मार्निंग वाक पर गए कृष्ण गोपाल तिवारी पर भालू ने हमला किया जो की सिद्ध बाबा घाट हुआ, जिसे वनविभाग ने साधारण सी बात मानकर मुआवजा की बात कह कर मामले को रफा दफा कर दिया. इसके बाद उसने ग्रामीणों को निशाना बनाया. ०१/०६/२०११ को ठीक सुबह ५ बजे शारदा देवी व कृष्ण सिंह पर भालू ने हमला किया, जिसमे शारदा देवी की मौत हो गयी, भालू म.प्र. व मनेन्द्रगढ़ की सीमा से सटे मुख्य मार्गो व जंगलो में विचरण कर रहा था. इस बात की जानकारी होने के बाद भी वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा. ०१/०६/२०११ को ही ११ बजे दोपहर भालू ने ३ लोगो पर हमला किया जिसमे धनसाय और गुलाब की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी, रामप्रताप जान बचने में सफल हो गया.
इन घटनाओ के बाद भी भालू शांत नहीं बैठा उसने ०१/०६/२०११ को शाम को पुरानी लेदरी के सुरेन्द्र जो कि तेंदुपत्ता बीनने गया था उस पर हमला बोल दिया सुरेन्द्र के ऊपर हमला होते देख उसका पोता (८ वर्षीय) महेंद्र टांगी लेकर भालू के पीछे दौड़ पड़ा जिससे सुरेन्द्र को छोड़ कर भालू ने महेंद्र पर हमला बोल दिया. इस वक़्त दोनों मौत से लड़ रहे हैं. और अस्पताल में भर्ती है.
इन घटनाओ के बावजूद भालू पर नकेल कसने के लिए वनविभाग द्वारा ठोस पहल नहीं की जा रही है. लेकिन मुआवजा देने की बात कही जा रही है.
पिछले ४ दिनों में ८ हमलो में ३ लोगो ने अपने प्राण खो दिए हैं क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त है लेकिन विभाग द्वारा खुनी भालू को पकड़ने के बजाये लोगो को समझाइश की जा रही है. अब देखना होगा की भालू का अगला शिकार कौन होगा.
(सहारा समय)
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