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May 09, 2011

Sheetal Peya Padarth

शीतल पेय पदार्थ में हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं इस बात का खुलासा समाये समय पर होता रहता है, लेकिन  एक साथ पुरे लात में फंगस की बात पहली बार देखने को मिल रही है. 

जहाँ तक हमने देखा है की भारत में लघाग सभी ब्रांड्स अपने उत्पाद को बेहतर बताने की कोशिश करते हैं, लेकिन इन्ही उत्पाद में से एक है मिरिनडा जो की सभी जगहों पर उपलब्ध तो है पर उपभोक्ताओ के प्रति कितना सजग है ये आप देख सकते हैं, मिरिनडा जो की लगभग सभी वर्ग की पहली पसंद है, पर हम जो देख रहे हैं की ८६ नंबर बैच की इन बोतलों में जिनकी एक्सपाइरी डेट तो २०११ के आठवे माह की लिखी है पर जब इनकी जांच की गयी तो इनमे फंगस पाए गए, जब दुकानदार से इसकी बात की गयी तो उसने डीलर का हवाला दे दिया और और जब डीलर से पूछा गया तो उन्होंने कंपनी से बात करने को कहा, जहाँ पर उन्होंने कहा की हमे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और जहाँ से शिकयाते मिल रही है वह से हम वहा से माल उठवा लिए हैं, और जो जानकारी नहीं मिली है उसके बारे में हम नहीं बता सकते हैं.

सुर्त्रो के मुताबिक छ.ग. में कोई भी मेनुफैचर प्लांट न होने का फायदा उठाते हुए कम्पनी वालो ने इस डिफेक्टिव माल की खपत कर डाली और जब मामला सामने आया तो कम्पनी वाले बात की जानकारियो न होने की बात कर रहे हैं.

बात यही पर ख़तम नहीं होती है अगर ८६ नं. लात में हजारो बोतले भरी गे है तो बाकी बोतलों की जांच भी होना जरुरी है, पर शायद अब तक तो वो सारी बोतले कब की उपभोक्ताओ द्वारा खपत कर ली गयी होंगी. ऐसे में अगर जनता के स्वस्थ्य के साथ खिलवाड़ होता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. डीलर/मिरिंडा कम्पनी या वो उद्योग के कर्मचारी जो उस फंगस वाली बोतलों को पैक कर रहे हैं.

(सहारा समय, बंसल न्यूज़)

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